कोरोना से निपटने के भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा पूरे देश में हैं। यहां पहला केस 20 मार्च को आया था और 25 दिन के भीतर ही इस वायरस पर काबू पा लिया गया। शहर के एमजी हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में 1 ही दिन में कोरोना के 6 पॉजिटिव मरीज भर्ती हुए थे और 29 मार्च को मरीजों की संख्या बढ़कर 17 हो गई। कोरोना संक्रमण के मामले में कभी यह वार्ड देश का सबसे क्रिटिकिल आइसोलेशन वार्ड माना जा रहा था। लेकिन डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की मेहनत की वजह से धीरे-धीरे मरीज ठीक होते गए।अब इस वार्ड में सिर्फ 1 ही कोरोना पॉजिटव मरीज है।
यह मरीज एक शिक्षक हैं, जो बापूनगर के रहने वाले हैं। 9 अप्रैल काे इनकी पहली रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई थी। लेकिन खुशी इस बात की है कि यहां भर्ती कराने के बाद की पहली जांच रिपाेर्ट निगेटिव आई। अब इनकी तबीयत पहले से ठीक है। इनकी दूसरी रिपोर्ट गुरुवार को आएगी। अगरवह निगेटिव आती है तो इन्हें जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद एक और टेस्ट किया जाएगा। अगर इसकी रिपोर्ट भी निगेटिव आई तो फिर उन्हेंअस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
10 अप्रैल से एक भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई
भीलवाड़ा जिले में 10 अप्रैल के बाद से किसी की भी कोरोनावायरस संक्रमणकी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है। आखिरी मरीज बापूनगर का था, जिसकी 9 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद से मरीज तेजी से ठीक हो रहे हैं।14 अप्रैल तक जिले में 4276 सैंपल की जांच हो चुकी है।अब रैंडम सैंपलिंग चल रही है। फिलहाल, एमजी हॉस्पिटल के जनरल वार्डमेंरायला की एक विवाहिता भर्ती है। इसकी भी दो रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।तीसरी रिपाेर्ट निगेटिव आते हीइसे भी डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
20 मार्च को पहला मामला, कुल 28 मामले, 25 दिन में पाया काबू
भीलवाड़ा ने कोरोना से निपटने के लिए छह हजार टीमें बनाई और 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की।यहां अब 28 पाॅजिटिव मिले हैं, जिनमें 24 ठीक हाेकर घर जा चुके हैं। ये सभी हाेम क्वारैंटाइन में हैं। दाे पाॅजिटिव राेगियाें की माैत हुई है। दो का इलाज जारी है।
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