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Sunday, April 19, 2020

अमेरिकी न्यूज चैनल का दावा- वुहान लैब में इंटर्न की गलती से लीक हुआ वायरस, राष्ट्रपति ट्रंप ने जांच कराने को कहा

दुनिया भर में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुके कोरोनावायरस को लेकर एक नया दावा सामने आया है। अमेरिकी चैनल फॉक्स न्यूज ने दावा किया है कि कोरोनावायरस चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में काम करने वाली एक इंटर्न से गलती से लीक हुआथा। चैनल ने इस पर स्पेशल रिपोर्ट भी दिखाई। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन दावों और इससे जुड़े मामलों की जांच कराने की बात कही है।

चैनल के रिपोर्टर ने कहा- "कई सूत्र हमें बता रहे हैं कि भले ही कोरोनावायरस प्राकृतिक है, लेकिन यह वुहान की वायरोलॉजी लैब से निकला है। वहां सुरक्षा नियमों का पालन न करने के कारण एक इंटर्न संक्रमित हो गई थी। उसके संपर्क में आकर उसका बॉयफ्रेंड संक्रमित हुआ और बाद में यह वायरस वेट मार्केट पहुंचा।"शुरुआत में यह वायरस चमगादड़ से इंसानों में आया और इसका पहला शिकार लैब में काम करने वाली इंटर्न बनी। वहवायरस के बाहर फैलने के कारण सबसे पहले खुद संक्रमित हुई।

वेट मार्केट में चमगादड़ बेचे ही नहीं गए: अमेरिकी चैनल

पहले वुहान केवेट मार्केट को वायरस के शुरू होने की जगह बताई गई थी, लेकिन चैनल का कहना है कि इस मार्केट में कभी चमगादड़ बेचे ही नहीं गए। लैब से वायरस निकलने की बात छिपाने के लिए चीन इस मार्केट को कसूरवार ठहरा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी दुनिया की प्रमुख पी-4 लेवल की लैब है। यह वायरस संक्रमण स्ट्रेन रखने, रिसर्च, परीक्षण की वैश्विक प्रयोगशाला है।
दोसाल पहले सुरक्षा इंतजाम को लेकरचेतावनी दी थी

वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, वुहान वायरोलॉजी लैब में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम न होने पर चीन में अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने दो साल पहले चिंता जताई थी। गृह विभाग ने भी लैब में पर्याप्त संख्या मेंप्रशिक्षित टेक्निशियन न होनेके बारे में चेतावनी दी थी।

यह कहीं से भी आया हो, सजा 184 देश भुगत रहे हैंः ट्रम्प

अमेरिका उन दावों की विस्तृत जांच कर रहा है कि वायरस कहां से लीक हुआ है। खुफिया एजेंसी भी इस लैब और वायरस के शुरुआती प्रकोप के बारे में जानकारी जुटा रही है। ट्रम्प ने कहा- "हम ऐसी कई स्टोरी सुन रहे हैं। जो भी खतरनाक घटना हुई,हम उसकी विस्तृत जांच कर रहे हैं। कई लोग इस पर गौर कर रहे हैं। लगता है इसमें कुछ सच्चाई है। मैं बस इतना कह सकता हूं कि यह कहीं से भी आया हो, चीन से जिस भी रूप में आया हो, इसकी सजा अब 184 देश भुगत रहे हैं।"ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका वुहान में चतुर्थ स्तर की लैब को मदद देनाबंद करेगा। कई सांसदों ने पहले भी सीनेट को पत्र लिखकर लैब को मदद रोकने का अनुरोध किया था।

लैब को मदद करने वाला फ्रांस बोला- कोई सबूत नहीं

फ्रांस ने कहा है कि वुहान में कोविड-19 और और पी-4 रिसर्च लैब के बीच संबंध का अब तक कोई तथ्यात्मक सबूत नहीं मिला है। राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों के दफ्तर के एक अधिकारी ने कहा- हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि वुहान लैब और कोरोना को लेकर अमेरिका में आ रही रिपोर्ट से जुड़े आज तक कोई तथ्यात्मक सबूत नहीं मिले हैं।फ्रांस ने 2004 में वुहान में जैवसक्रियता स्तर-4 से जुड़े संक्रामक रोगों पर एक रिसर्च लैब स्थापित करने के लिए चीन के साथ एक समझौता किया था। इस पर फ्रांस ने तत्कालीन विदेश मंत्री मिशेल बार्नियर ने हस्ताक्षर किए थे।



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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रम्प ने पहले भी कोरोना को चीनी वायरस कहा था। अब उन्होंने कहा है कि इसकी वजह से दुनियाभर के 184 देश संक्रमण की चपेट में हैं।

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