भारत। एक ऐसा देश जहां 135 करोड़ से ज्यादा की आबादी रहती है। चीन के बाद दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश। जब कोरोनावायरस के मरीज आने लगे, तो कई विशेषज्ञों ने चिंता जताई कि भारत में ज्यादा आबादी होने की वजह से यहां कोरोना फैलना ज्यादा आसान है। हालांकि, अभी तक के आंकड़े थोड़े राहत देते हैं। भले ही देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन बाकी देशों की तुलना में अभी मामले बढ़ने की रफ्तार धीमी है। भास्कर ने 5 ऐसे राज्य लिए, जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं। उन राज्यों की आबादी के बराबर जिस देश की आबादी है, उस देश में कोरोना के आंकड़ों की तुलना की।
इसको ऐसे समझें कि महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले हैं। यहां 12.19 करोड़ से ज्यादा है। महाराष्ट्र की जितनी आबादी है, उससे कुछ ज्यादा ही जापान में है। जापान में 12.64 करोड़ की आबादी है। इन दोनों देशों के कोरोना पर क्या कहते हैं आंकड़े...
जापान में कोरोनावायरस का पहला केस 16 जनवरी को टोक्यो में मिला था। महाराष्ट्र में पहला केस 9 मार्च को पुणे में मिला। पहला केस मिलने से लेकर 10 अप्रैल तक 5 हजार 530 केस आ चुके हैं। यानी, औसतन 65 केस रोज आए। जबकि, महाराष्ट्र में पहला केस आने के बाद से अब तक 32 दिन हुए हैं। इस दौरान यहां 1 हजार 564 केस आ गए। यानी, औसतन 49 केस रोज। लेकिन, मौतों के मामले में महाराष्ट्र जापान से आगे हैं। जापान में औसतन रोजाना 1.14 मौतें हुईं, जबकि महाराष्ट्र में ये औसत 3 का है।
दिल्ली v/s कजाकिस्तान
महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा मामले राजधानी दिल्ली में आए। दिल्ली की आबादी 1.84 करोड़ है। इतनी ही कजाकिस्तान की आबादी भी है, जहां 1.87 करोड़ लोग रहते हैं। दिल्ली में पहला केस 2 मार्च को आया था। उसके बाद से अब तक 39 दिन में 898 केस आए। इस हिसाब से हर दिन 23 केस आए। कजाकिस्तान में भी पहला केस 13 मार्च को मिला था। उसके बाद से अब तक यहां पर 28 दिनों में 802 केस आए हैं। यानी, हर दिन औसतन 29 केस। इसी तरह से दिल्ली में अब तक 13 और कजाकिस्तान में 9 मौतें हुईं हैं। इस हिसाब से इन दोनों ही जगहों पर औसतन हर तीन दिन में एक मौत हुई।
तमिलनाडु v/s जर्मनी
सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमितों के मामले में तमिलनाडु तीसरे नंबर पर है। राज्य की आबादी 7.71 करोड़ से ज्यादा है। तमिलनाडु की आबादी के आसपास ही जर्मनी है, जहां 8.37 करोड़ की आबादी है। तमिलनाडु में पहला केस 7 मार्च को चेन्नई में आया था। उसके बाद से अब तक यहां पर 834 केस आए। यानी, औसतन हर दिन 25 केस। जबकि, जर्मनी में पहला केस 27 जनवरी को आ गया था। उसके बाद से अब तक 74 दिन में यहां 1.18 लाख से ज्यादा केस आए। यानी, हर दिन औसतन 1600 केस। इसी तरह से जर्मनी में रोजाना औसतन 35 मौतें हुईं। जबकि, तमिलनाडु में 4 दिन में एक मौत हुई। तमिलनाडु में 8 और जर्मनी में 2 हजार 607 मौतें हो चुकी हैं।
तेलंगाना v/s अफगानिस्तान
तेलंगाना और अफगानिस्तान दोनों की ही आबादी 3.89 करोड़ है। तेलंगाना में कोरोना का पहला मरीज 2 मार्च को मिला। जबकि, अफगानिस्तान में 24 फरवरी को। तब से अब तक तेलंगाना में 39 दिन में कोरोना के 473 मरीज आए। यानी, हर दिन औसतन 12 केस। जबकि, अफगानिस्तान में पहला केस आने के बाद से अब तक 46 दिन हो चुके हैं। इन 46 दिनों में यहां 521 केस आए हैं। यानी, हर दिन औसतन 11 केस। इसी तरह से तेलंगाना में अब तक 7 और अफगानिस्तान में 15 लोगों ने जान गंवाई है। इस हिसाब से तेलंगाना औसतन हर 6 दिन में एक मौत हुई, जबकि अफगानिस्तान में हर तीन दिन में एक मरीज की जान गई।
राजस्थान v/s ईरान
राजस्थान की आबादी 7.95 करोड़ है और उसके कुछ ही ज्यादा आबादी ईरान की है। ईरान की आबादी 8.39 करोड़ है। राजस्थान में कोरोना का पहला मरीज 2 मार्च को मिला था। तब से अब तक इन 39 दिनों में यहां 463 केस आ चुके हैं। यानी, हर दिन औसतन 12 केस। जबकि, ईरान में पहला केस 19 फरवरी को आया था। उसके बाद से अब तक 51 दिन में यहां 68 हजार 192 केस आ चुके हैं। यानी, हर दिन 1300 से ज्यादा मरीज। इतना ही नहीं, अब तक राजस्थान में 3 और ईरान में 4 हजार 232 मौतें हुई हैं। यानी, राजस्थान में 13 दिन बाद एक मौत हुई। जबकि, ईरान में हर दिन औसतन 83 मौतें हुईं।
(ये आंकड़े 10 अप्रैल तक के हैं। इनमें राज्यों की आबादी आधार जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई की रिपोर्ट से ली गई है। जबकि, देशों की आबादी worldometers.info से)
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
https://ift.tt/2xiNDtu
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2V0KG9W
via IFTTT
No comments:
Post a Comment