वुहान के हुबेई प्रोविंशियल हॉस्पिटल में श्वास संबंधी और गंभीर रोग विशेषज्ञ डॉ झांग जिंग्सियान ने पहली बार चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ से बात की है। उन्होंने उस परिवार के बारे में बताया जिनमें सबसे पहलेकोरोना के संक्रमण का पता चला था। इनमेंपति-पत्नी और उनका बेटा था।
डॉ झांग के मुताबिक, '26 दिसंबर को दो बुजुर्ग और उनका बेटा मेरे पास आए थे। महिला को बुखार, कफ और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके साथ उसका पति और बेटा भी था। पति को थकान थी, लेकिन बुखार नहीं था। जब हमने टेस्ट किया तो पता चला कि बेटे को भी फेफड़े में तकलीफ है। लेकिन वह बीमार नहीं था। आमतौर पर देखने से इस परिवार में मुझे फ्लू या निमोनिया के लक्षण लग रहे थे, लेकिन सीटी स्कैन से पता चला कि उनके फेफड़े को भी काफी नुकसान पहुंचा है। उनके बेटे के फेफड़े की हालत ज्यादा खराब थी।'
तीनों के फेफड़ों में वही असामान्यता नजर आई- डॉ. झांग
डॉ. झांग ने कहा,'इसके बावजूद उनके बेटे ने टेस्ट कराने से इनकार कर दिया। उसे कोई लक्षण या परेशानी नहीं थी, इसलिए उसे लगा कि हम उससे पैसे ऐंठने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दबाव डालने पर उसने टेस्ट करा लिया। रिपोर्ट से दूसरा सबूत हमारे सामने आया। उनके बेटे के फेफड़ों में भी वही असामान्यता नजर आ रही थी, जो उसके माता-पिता में थी। मैं इस बात से परेशान थी कि एक ही परिवार के तीन सदस्यों को एक ही समय में एक ही बीमारी कैसे हो सकती है, जब तक वह संक्रामक रोग न हो।'
अगले दिन एक और मरीज ऐसे ही लक्षण के साथ मिला- डॉ. झांग
डॉ. झांग ने बताया,'अगले दिन 27 दिसंबर को अस्पताल में एक और मरीज आया और उसमें भी वही लक्षण थे। चारों के ब्लड टेस्ट से वायरस संक्रमण का पता चला। हमने पहले इन्फ्लुएंजा संबंधी कई परीक्षण कराए लेकिन नतीजे में कुछ नहीं निकला। हालांकि, यह स्पष्ट हो चुका था कि महिला ही पेशेंट-1 है। तब मैंने सीनियर साथियोंसे बात कर रिपोर्ट तैयार की, जिसमें मैंने लिखा,‘हमने एक संक्रमण का पता लगाया है और संभवत: वह संक्रामक है। इसी तरह के कुछ और मामले में सामने आए हैं। अगले ही दिन इसकी रिपोर्ट पर जांच शुरू हो गई। 30 दिसंबर को वुहान के सभी मेडिकल संस्थानों को अलर्ट जारी कर दिया गया कि शहर में एक अज्ञात संक्रमण तेजी से फैल रहा है।’
31 दिसंबर को हेल्थ कमीशन की टीम वुहान भेजी गई- डॉ. झांग
डॉ. झांग ने कहा,'31 दिसंबर को चाइना नेशनल हेल्थ कमीशन के एक्सपर्ट्स की एक टीम वुहान भेजी गई। साथ ही सरकारी तौर पर सभी लोगों से मास्क पहनने और भीड़ भरे इलाकों में जाने से बचने के लिए कह दिया गया। तब तक संक्रमण के 27 मामले आ चुके थे। 31 दिसंबर को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस संक्रमण को लेकर अलर्ट जारी कर दिया। मुझे नहीं पता था कि मेरी पहली रिपोर्ट इस महामारी की उन रिपोर्ट्स में शामिल होगी, जो चीन की स्थापना के बाद बहुत तेजी से फैली और उस पर काबू पाना मुश्किल हो जाएगा।’
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