(सलीम वलजी)33 साल के मायरोन रोले अमेरिका की नेशनल फुटबॉल लीग (एनएफएल) में टेनेसी टाइटंस की ओर से खेलते थे। 2013 में उन्होंने खेलना छोड़ दिया और फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन में दाखिला लिया। 2017 में वे ग्रेजुएट हुए। अब मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से न्यूरोसर्जरी की पढ़ाई कर रहे। यहां वे कोविड-19 के मरीजों को भी ट्रीटमेंट दे रहे हैं। वे इमरजेंसी रूम के डॉक्टरों वाली टीम में हैं। वे और उनके साथी 24-24 घंटे सेवा दे रहे हैं।
रोले कहते हैं, ‘हमें सुबह 4-5 बजे से काम शुरू करना पड़ता है। सभी मरीजों को देखने के बाद उनकी पूरी डिटेल लेकर उसे हमारी जगह आने वाले डॉक्टर को बताने का काम भी जुड़ गया है। ऐसे में 24 घंटे काम करना पड़ रहा है। बीच में एक-दो घंटे की नींद ले पाएं तो खुद को खुशकिस्मत समझते हैं।’ रोले कहते हैं, ‘यहां मुझे परेशानी नहीं आती क्योंकि फुटबॉल ने मुझे अनुशासन, फोकस, कड़ी मेहनत, निष्ठा, टीमवर्क और प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरना सिखाया है।’
चार बार की ओलिंपिक चैंपियन हेले मेडिकल उपकरण जुटा रही
कनाडा की हेले विकेनहेसर चार बार की ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट हैं। पूर्व आइस हॉकी खिलाड़ी हेले अब यूनिवर्सिटी ऑफ केलगेरी से मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। वे बताती हैं, ‘जब वे 10 साल की थीं, तब उन्होंने दो सपने देखे थे। एक तो प्राेफेशनल हॉकी खेलना और दूसरा डॉक्टर बनना। मेरा एक सपना तो पूरा हो गया है। अब दूसरा सपना पूरा कर रही हूं।’ 41 साल की हेले ने 2017 में आइस हॉकी से संन्यास ले लिया था। दो हफ्ते पहले तक वे टोरंटो में इमरजेंसी रूम में रोटेशन पर थीं। लेकिन जब देश में कोरोनावायरस से स्थिति खराब होने लगी, तब सभी मेडिकल स्टूडेंट और ट्रेनी को उससे निपटने के काम में लगा दिया गया। हेले ने कहा, ‘मेडिकल स्टूडेंट को कोविड-19 के मरीज के इलाज की अनुमति नहीं है। इसलिए हमें पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) जुटाने के काम में लगा दिया गया। इसके अलावा हम उन मरीजों को भी ट्रेस कर रहे हैं, जो संक्रमित हैं।’ हेले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के ऑफिस से लगातार संपर्क में हैं औरकनाडा में सोशल डिस्टेंसिंग एडवाइजरी को प्रमोट करने में भी मदद कर रही हैं।
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