(पवन कुमार)लॉकडाउन से देश का पर्यावरण काफी सुधरा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान यह बात वकील से कही।उन्होंने कहा- इतने सालों से दिल्ली में रहते हुए ऐसा पहली बार हुआ है कि मैंने रात में आसमान में बहुत सारे तारे देखे। घर के सामने गार्डन में मोरों का झुंड भी चहकते हुए देखा। यह सब दिल को छू लेने वाला अनुभव है। इस पर वकील ने भी कहा, काश! लॉकडाउन की मियाद जुलाई तक बढ़ा दी जाए।
वीडियो एडीएन राव ने सुनवाई के दौरान कहा किलॉकडाउन से न सिर्फ हमारे काम का तरीका बदला है, देशभर में प्रदूषण की समस्या भी खत्म हो गई है। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि प्राकृतिक वातावरण पर इसका बेहद अच्छा असर पड़ा है। इस पर वकील ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया से मैसेज मिलाहै, जिसमें बताया गया है कि प्रकृति खुद में सुधार कर रही है। यमुना अब फिर से निर्मल हो गईहै। गंगा का पानी भी काफी साफ हो गया है। इसमें ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ गई है। सालों तक काफी खर्च करने पर भी यह नहीं हुआ और अब ये नदियां सिर्फ लॉकडाउन की वजह से साफ हो गईं। इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने चर्चा खत्म कर फैसला पढ़ा।
ऐसे समझें: लॉकडाउन में कैसे मिली कुदरत को राहत
वायु प्रदूषण |
21 मार्च | 13 अप्रैल | |
दिल्ली | 192 | 126 |
मुंबई | 76 | 60 |
कोलकाता | 63 | 56 |
चेन्नई | 62 | 44 |
स्रोतः मौसम विभाग सीपीसीबी
ध्वनि प्रदूषण
चार महानगरों में ध्वनि प्रदूषण निर्धारित मानक 55 डेसिबल के मुकाबले 33 रह गया है।
गंगा और यमुना के पानी की गुणवत्ता और पीएच का स्तर सुधरा
लॉकडाउन से गंगा और यमुना का प्रदूषण भी काफी कम हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी)के अनुसार गंगा में औद्योगिक कचरा नहीं गिरने से रियल टाइम वॉटर मॉनिटरिंग में ऑक्सीजन घुलने की मात्रा प्रति लीटर 6 एमजी से अधिक, बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड 2 एमजी प्रति लीटर और कुल कोलीफार्म का स्तर 5000 प्रति 100 एमएल हो गया है। इसके अलावा गंगा और उसकी सहायक नदियों में पीएच का स्तर भी सुधरा है।
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