नई दिल्ली. देश में जारी लॉकडाउन के मंगलवार को 21 दिन पूरे हो गए। भारत से पहले दुनिया के कुछ और देशों ने भी अपनी अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए लॉकडाउन को खत्म करने या इसमें कुछ ढील देने का ऐलान किया है। इन देशों ने कुछ सावधानियां बरतते हुए पब्लिक ट्रांसपोर्ट, थियेटर, सुपर मार्केट आदि खोले जा रहे हैं। इनमें चीन, ईरान, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, चेक रिपब्लिक, नार्वे जैसे देश भी हैं। इन देशों में अब लॉकडाउन में ढील के फायदे और नुकसान भी सामने आने लगे हैं।
जिन देशों में लॉकडाउन में ढील का ऐलान किया गयाहै या इसेखत्म करने की तैयारी चल रही
- चीन: लॉकडाउन के खुलने के बाद आम जनजीवन पटरी पर लौट रहा, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का नियम लागू
चीन में तकरीबन ढाई महीने तक चले लॉकडाउन के खुलने के बाद आम जनजीवन पटरी पर लौट रहा है। बीजिंग में लोग अपने काम पर जाने की इजाजत दी गई है, हालांकि लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को मानने के लिए भी कहा गया है। चीन का वुहान जहां से कोरोनावायरस फैलना शुरू हुआ था, वहां भी लॉकडाउन खोल दिया गया है, जिसके बाद लोग पार्कों में सैर करते नजर आ रहे हैं। चीन में बड़ी संख्या में स्कूल खुल चुके हैं। बच्चे मास्क पहनकर आते हैं। कक्षाओं में जाने के लिए तय रास्ते बनाए गए हैं, ताकि गैलरी में बच्चों की भीड़ न हो। कई स्कूलों में मुफ्त मास्क बांटे जा रहे हैं और एक क्लास में 30 से ज्यादा बच्चे नहीं बैठ रहे हैं। दिन में तीन बार बच्चों का तापमान नोट जा रहा है। हालांकि, लॉकडाउन खत्म होने के बाद चीन से पहली बार बुरी खबर भी आई है। सोमवार को चीन में 108 नए कोरोना केस आए और 2 लोगों की जान गई। यह एक महीने सबसे खराब आंकड़ा है।
- अमेरिका: पूर्ण लॉकडाउन नहीं, सोशल डिस्टेंसिंग मेनटेन करने व घरों में रहने की एडवाइजरी, सुपर मार्केट खुले हैं
अमेरिका में कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा 5.60 लाख केस आए हैं। जबकि 22 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इसके बावजूद अमेरिका में पूर्ण लॉकडाउन नहीं घोषित किया गया है। लोगों को सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग मेनेटेन करने और ज्यादा से ज्यादा घरों में रहने को कहा गया है। हालांकि ज्यादातर राज्य सरकारों ने खुद से लॉकडाउन जरूर लगाए हुए हैं। ऐसे में अमेरिका में वॉलमार्ट ने अपने कैश काउंटर्स पर ‘स्नीज गार्ड्स’ लगाए हैं, जो कर्मचारियों को ग्राहकों की छींक से बचाते हैं। टार्गेट ने तीन हफ्तों के लिए सामान रिटर्न या एक्सचेंज करना बंद कर दिया है। लगभग सभी चेन्स ग्राहकों की संख्या सीमित करने के लिए कदम उठा रही हैं।
- हांगकांग: रोबोट से ट्रेन की सफाई, बीच खुले, रेस कोर्स में लोगों के आने पर पाबंदी, पर खेल प्रतियोगिताएं जारी
सोमवार को हांगकांग के क्राउड रीपल्स बीच पर बड़ी तादाद में लोग मौसम का मजा लेते दिखे। इस पर हांगकांग के अधिकारियों ने कहा है कि चीन ने लॉकडाउन को खोलना शुरू किया है, इससे उनके देश में संक्रमण के ताजा मामले आ सकते हैं। इसलिए लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। कोरोना वायरस के कारण हांगकांग के शा टिन रेस कोर्स में लोगों के आने पर पाबंदी लगाई गई है, लेकिन यहां हो रही प्रतियोगिताओं पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। 12 अप्रैल को यहां ताई कोक सुई हैंडिकैप भी रेस हुई। हांगकांग में ट्रेनों की सफाई के लिए रोबोट तैनात किए गए हैं।
- ईरान: तेहरान को छोड़कर देश में छोटे बिजनेस सेंटर्स खुले, लेकिन अभी भी रोज 1000नए केस आ रहे
ईरान में शनिवार से राजधानी तेहरान को छोड़कर देश में छोटे बिजनेस सेंटर्स को खोलने की अनुमति दे दी गई है। यहां सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले दो तिहाई कर्मचारी लौट आए हैं। यहां अब तक संक्रमण के 71,686 मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही 4,474 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां अभी रोजाना कोराना के एक हजार केस आ रहे हैं और औसतन 100 लोगों की जान जा रही है।
- स्पेन: एक महीने से जारी पाबंदियों में ढील देने की तैयारी, ताकि रोजगार संकट दूर हो, पर अभी मौतें जारी
कोरोना महामारी के कारण 17,400 मौतें देख चुका स्पेन लॉकडाउन के एक महीने बाद पाबंदियों में ढील देने की तैयारी कर रहा है। यहां कुछ दिनों से कोरोना से होने वाली मौतों में कमी आई है। केस भी कमी आई है। रविवार को कोरोना के 3800 नए केस आए थे। अब तक 1.69 लाख केस आए हैं। कोरोना से अमेरिका के बाद स्पेन सबसे अधिक प्रभावित देश है। लॉकडाउन से स्पेन की अर्थव्यवस्था एक तरह से रुक गई है, जिसे सरकार गति देने की कोशिश कर रही है। ताकि रोजगार संकट को दूर किया जा सके।
- डेनमार्क: अब सिर्फ स्कूल खोलने की तैयारी, सिनेमाघर, शॉपिंग सेंटर बंद रहेंगे, देश की सीमाएं भी सील रहेंगी
डेनमार्क में 15 अप्रैल से स्कूल खोलने की तैयारी है, लेकिन यहां अभी कड़े प्रतिबंध लागू रहेंगे। 10 मई तक 10 से ज्यादा लोगों के एक जगह पर इकट्ठा होने पर रोक रहेगी। सभी चर्च, सिनेमाघर और शॉपिंग सेंटर भी बंद रहेंगे। अगस्त तक सभी त्योहार और बड़े समारोह बंद रहेंगे। प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने कहा कि डेनमार्क की सीमाएं भी सील रहेंगी। 58 लाख की आबादी वाला डेनमार्क पहला यूरोपीय देश है, जिसने 13 मार्च को अपनी सीमाएं सील की थीं। यहां अब तक संक्रमण के 6,174 मामले आए हैं और 273 लोगों की मौत हो चुकी है।
- चेक रिपब्लिक: हार्डवेयर स्टोर, रिपेयरिंग सेंटर खुलेंगे, एक जगह पर दो लोगों के इकट्ठा होने पर रोक
चेक रिपब्लिक ने 12 मार्च को यात्रा पर प्रतिबंध, बड़े समारोह और गैर-आवश्यक व्यवसायों को बंद कर दिया था। अब सरकार ने कहा है कि इस हफ्ते से कई प्रतिबंधों में ढील दी है। मंगलवार से लोगों को मास्क लगाकर अकेले एक्सरसाइज करने की अनुमति मिल जाएगी। एक जगह पर दो लोगों के इकट्ठा होने पर रोक जारी रहेगी। हार्डवेयर स्टोर, रिपेयरिंग सेंटर जैसी दुकानें भी गुरुवार से फिर से खुल जाएंगी। चेक रिपब्लिक से बहुत जरूरत होने पर जाने की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही एथलीटों को प्रैक्टिस करने की भी अनुमति दी जाएगी। यहां कोरोना 5,991 केस आए हैं। 139 लोगों की जान गई है।
- ऑस्ट्रिया: एक मई से सभी दुकानें, शॉपिंग सेंटर, हेयरड्रेसर की दुकानें खुल जाएंगी, पर चेतावनी-अभी खतरा टला नहीं है
ऑस्ट्रिया में ईस्टर के बाद से छोटी दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। यहां भी सबसे पहले हार्डवेयर और रिपेयरिंग सेंटर खोलने की अनुमति दी गई है। यहां एक मई से सभी दुकानें, शॉपिंग सेंटर, हेयरड्रेसर की दुकानें खुल जाएंगी। मई के मध्य से सभी रेस्टोरेंट और होटल भी खुल जाएंगे। इसके साथ ही यहां यह चेतावनी भी जारी की गई है कि कोरोनावायरस का खतरा अभी टला नहीं है। बताया गया कि सिंगापुर में कोरोनावायरस का दूसरा अटैक हुआ है, इसलिए यह सोचना कि ‘खतरा टल गया है’ गलत है। अब तक यहां संक्रमितों की संख्या 13,977 है। 368 लोगों ने इस वायरस से अपनी जान भी गंवाई है।
- नार्वे: यहां सबसे पहले किंडरगार्टन खुलेंगे, इसके बाद एक से चार तक के स्कूल शुरू होंगे
नॉर्वे ने लॉकडाउन खोलने में एक अलग पैटर्न अपनाया है। यहां सबसे पहले किंडरगार्टन खुलेंगे। प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग ने कहा कि किंडरगार्टन खुलने के एक सप्ताह बाद, क्लास एक से चार तक विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले जाएंगे। हम चाह रहे हैं कि किसी तरह सभी बच्चे गर्मी से पहले स्कूलों में आ जाएं। हमें धीरे-धीरे कदम बढ़ाने होंगे।’ यहां मई तक अन्य संस्थानों को खोलने की अनुमति मिलेगी। यहां सक्रमण के 6,525 मामले आए हैं और 128 लोगों की मौत हो चुकी है।
- जर्मनी: सांइटिफिक रिपोर्ट के आधार पर लॉकडाउन हटाने की घोषणा की जाएगी, 40% आईसीयू बेड खाली हो गए हैं
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने गुरुवार को कहा कि देश में कैसे और कब लॉकडाउन हटाना है? ये एक साइंटिफिक रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाएगा, जो इस हफ्ते पब्लिश होनी है। स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पान ने बताया कि जर्मनी में रोज एक लाख टेस्ट किए जा रहे हैं। यहां 40 फीसदी आईसीयू बेड खाली हो चुके हैं। यहां पर संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है। लेकिन, स्थिति पूरी तरह से सामान्य होने में अभी बहुत समय लगेगा। जर्मनी में अब तक 127,854 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 3,022 लोगों की मौत हो चुकी है।
- स्विट्जरलैंड: 26 मई तक सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन होगा, इसके बाद ढील देने पर हो रहा विचार
स्विट्डरलैंड में भी लॉकडाउन से बाहर निकलने पर विचार हो रहा है। यहां 26 अप्रैल तक सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया गया है। सरकार ने संकेत दिया है कि इस महीने के आखिर तक कई प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी। स्कूल और सीमाएं खोल दी जाएंगीं। यहां संक्रमित लोगों की संख्या 25,449है। इसके साथ ही 1115 लोगों की मौत हो चुकी है।
- आयरलैंड: थियेटर्स में दर्शकों को एक सीट छोड़कर बैठाया जा रहा, हर शो के सिर्फ 50% टिकट ही बिक रहे
आयरलैंड में कई थियेटर्स में फिल्म देखने वालों को बीच में एक सीट छोड़कर बैठने को कहा जा रहा है। टिकटों की बिक्री भी इसे आधार बनाकर कम कर दी गई है। अमेरिका की सबसे बड़ी सिनेमा चेन्स एमसी थियेटर्स और रीगल सिनेमास हर शो के 50 फीसदी टिकट ही बेच रहे हैं। कई देशों में फिल्म शोज के बीच लंबा गैप रखा जा रहा है, ताकि हर शो के बाद थियेटर साफ करने का पर्याप्त समय मिले। यूरोप में ड्राइव इन थियेटर्स बढ़े हैं, जहां कार में बैठकर खुले मैदान में लगे बड़े पर्दे पर फिल्म देखी जा रही हैं।
एक्सपर्ट्स क्या कह रहेहैं-
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर डॉ. क्लूज कहते हैं- लॉकडाउन में राहत देने से खतरा बढ़ सकता है
लॉकडाउन हटाने या ढील देने की स्थिति में दूसरे देशों को यह जरूर देखना चाहिए कि ऐसा करने वाले देशों से क्या-क्या सीखा जा सकता है? ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. पीटर ड्रोबैक के मुताबिक, इन देशों से लॉकडाउन हटाना कई देशों के लिए उदाहरण बन सकता है। हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के यूरोप के रीजनल डायरेक्टर डॉ. हंस क्लूज ने कहा कि लॉकडाउन में राहत देने से खतरा बढ़ सकता है। दुनिया के 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में 7 यूरोप के ही हैं। इसके साथ ही लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि जब तक इसकी वैक्सीन नहीं बन जाती है। तब तक कहीं भी लॉकडाउन पूरी तरह से नहीं हटाना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकडाउन हटाने से पहले तीन बातें सुनिश्चित कर लेनी चाहिए-
- पहली- देश में संक्रमण के मामलों मे कमी होनी चाहिए।
- दूसरी- देश का हेल्थ केयर सिस्टम सही होना चाहिए।
- तीसरी- देश में बड़ी मात्रा में टेस्टिंग और स्क्रीनिंग होनी चाहिए।
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