इंदौर. देश भर में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन जारी है। इसके बावजूद देश के अधिकांश इलाकों में लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। नतीजा संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। संक्रमितों की संख्या अब 20 से ज्यादा हो चुकी है।हालांकि, केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर लगातार इस पर लगाम कसने की कोशिशों में जुटी हैं। मगर हर प्रयास नकाफी साबित हो रहा है। एकाएक कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा मंडराने लगा है।शायद, यही वजह है कि आज मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहलाने वाले इंदौर में देश का सबसे सख्त लॉकडाउन रहेगा। वो इसलिए क्योंकि अगले दिन यहां दूध-सब्जी समेत कोई भी जरूरी सामान नहीं मिलेगा। यह शहर पूरी तरह से थम जाएगा।
आखिर यह सबसे कड़ा लॉकडाउन क्यों?
देशभर में लॉकडाउन लागू हुए पांच दिन बीत चुके हैं। मगर इस दौरान भी वहां दूध-सब्जी समेत जरूरी चीजों के लिए प्रशासन ने पूरी तरह से छूट दे रखी है। पेट्रोल पंप, एटीएम जैसी सेवाएं जारी रखी है। इतना ही लोगों को बाहर निकलने और खरीदारी के लिए भी तय समय में छूट दी जा रही है। मगर मिनी मुंबई कहलाने वाला इंदौर अगले तीन दिन पूरी तरह से बंद हो जाएगा।
आखिर यह कदम उठाने की जरूरत क्यों पड़ी?
दरअसल, लॉकडाउन के बाद भी इंदौर में बड़ी संख्या से लोग बाहर से आ रहे थे। कई सामाजिक संस्थाएं भोजन और अन्य सामग्री बांटने का काम कर रही थी। नतीजतन लॉकडाउन लागू होने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन नहीं हो पा रहा था। बीते दिन दिनों में इंदौर में संक्रमितों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। प्रदेश की आर्थिक राजधानी माने जाने वाले इंदौर पर एकाएक कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने चंदन नगर, रानीपुरा जैसे मामलों को चिह्नित किया है। वहां आवाजाही पर रोक लगाई है।
सख्ती बढ़ाने के लिए प्रशासनिक सर्जरी हुई
इंदौर की कमान अब कलेक्टर मनीष सिंह को सौंपी गई है। इससे पहले इंदौर के कलेक्टर लोकेश जाटव थे। वहीं पुलिस महकमे में डीआईजी रूचिवर्धन मिश्र की जगह डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र को लाया गया है। प्रशासनिक गलियारों में इन बदलावों को सख्ती बढ़ाने की दिशा में लिए गए कदम के तौर पर देखा जा रहा है। कलेक्टर सिंह को इंदौर की प्रशासनिक टीम के साथ काम करने का अनुभव भी है।
अचानक से बढ़ गए संक्रमण के मामले
इंदौर में अचानक से दो दिन में संक्रमण के मामले बढ़े हैं। संक्रमितों की संख्या 22 पर पहुंच चुकी है। सभी मरीजों का अलग-अलग अस्पताल में इलाज चल रहा है। अधिकारियों ने सभी को एमआर टीबी अस्पताल में शिफ्ट करने को कहा है। इनमें से 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है। इनमें से एक वेंटिलेटर पर है तो बाकी 3 को बाईपेप मशीन पर रखा गया है।
रानीपुरा और देवास के संदिग्धों की मौत
कोरोनोवायरस संक्रमण के संदेह में एमआर टीबी अस्पताल में भर्ती 70 वर्षीय बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गई है। बुजुर्ग रानीपुरा क्षेत्र में रहते थे। शनिवार को निजी अस्पताल में भर्ती देवास नगर निगम के 50 वर्षीय दिव्यांग कर्मचारी ने भी दम तोड़ दिया। मौत से पहले मरीज को बुखार और सांस लेने में समस्या थी। दोनों ही मामलों में कोरोना की जांच के लिए सैंपल लिया गया, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है।
लॉकडाउन का उल्लंघन किया तो कार्रवाई- कलेक्टर
कलेक्टर मनीष सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी। एक जगह चिह्नित कर नियम तोड़ने वालों को खुली जेल में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि भोजन बांटने के लिए एनजीओ को दिए गए पास भी निरस्त कर दिए गए हैं। यह जिम्मेदारी अब प्रशासन उठाएगा। पहले चरण में 10 हजार फूड पैकेट्स बांटे जाएंगे।
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